बिहार का एक ऐसा स्कूल जहाँ 4 छात्र 2 शिक्षक और सुविधाओ की कमी नहीं देखे वास्तविक स्थिति

By Neha

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Bihar ka ajooba school

गया के सरकारी स्कूल में मात्र 4 छात्र, भविष्य अनिश्चित बिहार के गया जिले के खिजरसराय प्रखंड में स्थित प्राथमिक विद्यालय मनसाबिगहा गंभीर संकट से जूझ रहा है। 1972 में स्थापित इस स्कूल में सिर्फ 4 छात्र हैं, जबकि 2 शिक्षक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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सरकारी स्कूलों से घटता रुझान

सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन नामांकन दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सका। अभिभावक प्राइवेट स्कूलों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे सरकारी विद्यालयों की स्थिति बिगड़ रही है।

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अध्यापकों की असहज स्थिति

विद्यालय में दो शिक्षिकाएं, एक रसोईया और एक टोला सेवक हैं। सुविधाएं अच्छी होने के बावजूद छात्र संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही। शिक्षिकाएं भी इस परिस्थिति से परेशान हैं।

विद्यालय में सिर्फ चार छात्र

स्कूल में तीन बहनें और एक अन्य छात्र ही पढ़ रहे हैं। छात्राओं को कम उपस्थिति खलती है, क्योंकि उनके खेलने-पढ़ने के लिए और साथी नहीं हैं।

प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती संख्या

2 किलोमीटर के दायरे में 10-15 प्राइवेट स्कूल हैं, जहां 500-1000 छात्र पढ़ते हैं। मनसाबिगहा गांव में करीब 150 बच्चे हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 4 ही सरकारी स्कूल में जाते हैं।

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सरकारी स्कूलों से घटता विश्वास

सरकार योजनाएं चला रही है, लेकिन अभिभावक सरकारी स्कूलों पर भरोसा नहीं कर पा रहे। एक अभिभावक के अनुसार, “प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना अब एक फैशन बन चुका है।”

सरकारी विद्यालयों में बेहतर सुविधाओं के बावजूद नामांकन घट रहा है, जिससे उनका अस्तित्व संकट में है। क्या सरकार और समाज मिलकर इस समस्या का हल निकाल पाएंगे?

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Neha

नमस्ते दोस्तों! मेरा नाम Neha हैं और में लगभग 4 सालो से Job ओर एडुकेशन के टॉपिक पर आर्टिकल पब्लिश करती हूँ। मुझे इन टॉपिक से जुडी नयी नयी जानकारियां सांझा करना बहुत पसंद है। फ़िलहाल में rtgs.in पर कार्य कर रही हु।

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